भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। यहां गांव से लेकर शहरों में आपको अलग-अलग विविधता देखने को मिलेगी। गांव को अक्सर शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, जबकि शहरों को विकास के साथ-साथ भागदौड़ भरी जिंदगी, गाड़ियों का शोर व प्रदूषण के लिए भी जाना जाता है।
गांव और शहरों में यह भी फर्क है कि गांव में जहां जीवन अलसुबह शुरू होकर शाम को ठम जाता है, वहीं शहरों में यह देर रात तक चलता रहता है। हालांकि, क्या आपको भारत के ऐसे शहर के बारे में पता है, जो कभी सोता ही नहीं है।
यही वजह है कि इस शहर को भारत का कभी न सोने वाला शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
किस शहर को कहा जाता है कभी न सोने वाला शहर
भारत के तमिलनाडू राज्य के मदुरै शहर को कभी न सोने वाला शहर कहा जाता है। इस शहर में आपको भारत के कई प्राचीन मंदिर भी देखने को मिल जाएंगे।
कितना पुराना है यह शहर
भारत के इस शहर का इतिहास करीब 25,00 साल पुराना बताया जाता है। इसके साथ ही यह तमिलनाडू राज्य का महत्वपूर्ण व्यावसायिक और राजनीतिक केंद्र भी है।
यहां के मुख्य आकर्षण की बात करें, तो वह यहां का मीनाक्षी मंदिर है, जिसके ऊंचे गोपुरम यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
इन नामों से जाना जाता है शहर
दक्षिण भारत के इस शहर को मुदुरै के अलावा कूडल मानगर, तूंगानगर यानि कभी न सोने वाली नगरी,पूर्व का एथेंस और मल्लिगई मानगर यानि मोगरे की नगरी भी कहा जाता है।
क्या है इसके नाम की कहानी
कुछ लेखों में इसके नाम को लेकर अलग-अलग कहानी बताई गई है। यदि इसके नाम मुदुरै की बात करें, तो स्थानीय लोग इसे तेन मदुरा कहते हैं, जिसका हिंदी में अर्थ दक्षिण का मथुरा होता है।
कुछ लेख यह भी बताते हैं कि भगवान शिव की जटा से निकले अमृत की धारा के मधुर होने से मधुरा या फिर पांच भूमि के प्रकारों में से एक मरुदम के नाम पर इसका नाम है।
शिक्षा का केंद्र है मदुरै
दक्षिण भारत का यह शहर शिक्षा का केंद्र भी है। यहां पर शुद्ध तमिल भाषा बोली जाती है। इसके साथ ही इस शहर को मंदिरों का शहर भी बोला जाता है। इतिहास की बात करें, तो इस शहर में पांड्य राजाओं का शासन रहा था। यहां तक की चोल वंश में भी यहां पर पांड्य राजाओं का शासन था।
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Source: HIS Education