भारत विविधताओं का देश है, जहां की अनूठी संस्कृति, परंपराएं, खान-पान और वेशभूषा इसे अन्य देशों से अलग बनाती हैं। हमारे देश को गांवों का देश भी कहा जाता है। यही वजह है की असली भारत की पहचान गांवों से होती है।
वहीं, जब बात होती है देशभक्ति और जज्बे की, तो गांव के लोग भी पीछे नहीं हटते हैं। वर्तमान में भारत के अलग-अलग गांव से वीर सपूत और बेटियां भी भारतीय सेनाओं का हिस्सा बनकर देश की हिफाजत में लगी हुई हैं। हालांकि, क्या आपको पता है कि भारत के किस गांव को फौजियों का गांव भी कहा जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
किस गांव को कहा जाता है ‘फौजियों का गांव’
भारत में अलग-अलग गांव की अपनी पहचान है। हालांकि, अन्य सभी गांव से एक गांव ऐसा भी है, जिसे भारत में फौजियों का गांव भी कहा जाता है। इस गांव की बात करें, तो यह उत्तर प्रदेश राज्य के गाजीपुर जिले में गहमर गांव नाम से जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है फौजियों का गांव
इस गांव में पहुंचने पर आपको बच्चे-बच्चे में देशभक्ति का जज्बा मिलेगा। इसके साथ ही यहां के अमूमन सभी घरों में से एक न एक व्यक्ति भारतीय सेनाओं में अपनी सेवा दे रहा है। वहीं, आने वाली पीढ़ी भी भारतीय सेवा में अपनी सेवा देने के लिए तैयारी में लगी रहती है।
यही वजह है कि यहां के युवा दिन-रात भारतीय सेना में भर्ती के लिए तैयारी करते रहते हैं। इसके तहत युवा दौड़ लगाने के साथ-साथ शारीरिक रूप से व्यायाम और पढ़ाई लिखाई भी करते रहते हैं, जिससे वह भारतीय सेनाओं का हिस्सा बन सके।
वर्तमान में 12000 से अधिक सैनिक हैं कार्यरत
वर्तमान में इस गांव में 12000 से भी अधिक सैनिक सेनाओं के विभिन्न अंगों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनके अलावा करीब 15000 भूतपूर्व सैनिक इसी गांव से हैं। ऐसे में यहां पहुंचने पर घरों में आपको सैनिकों की तस्वीरें, वर्दी, मेडल और उनकी शौर्य गाथाएं सुनने को मिलेंगी।
मां कामाख्या देवी मंदिर का स्थान
आपको बता दें कि इस गांव में मां कामाख्या देवी का प्रसिद्ध मंदिर है, जो कि पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत बिहार के कई लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। ऐसे में कई लोग यहां पर आस्था के साथ दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
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Source: HIS Education