भारत-चीन के बीच क्यों हुआ था 1962 का युद्ध, जानें पूरी कहानी

भारत की आजादी के समय भारत और चीन के रिश्ते उतने कड़वे नहीं थे, जितने 1962 के बाद से हैं। क्योंकि, उस समय अमेरिका ने पाकिस्तान का पक्ष लिया था, इसलिए भारत ने अपने पड़ोसी चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखने में ही भलाई समझी।

यही कारण है कि जब चीन तिब्बत पर आक्रमण कर रहा था, तो भारत ने उसका कड़ा विरोध नहीं किया। चीन के साथ भारत के रिश्ते तब खराब होने लगे, जब 1959 में भारत ने आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को शरण दे दी थी।

हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पंचशील समझौते के माध्यम से दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बनाने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हुए और दोनों देशों के बीच 1962 का युद्ध हो गया।

आइए अब इस लेख में जानते हैं कि भारत और चीन के बीच पंचशील समझौता क्या था और इसे करने की वजह क्या थी।

 

क्या था पंचशील समझौता

पंचशील समझौता भारत और चीन के क्षेत्र तिब्बत के बीच आपसी संबंधों और व्यापार को लेकर था।

पंचशील या पांच सिद्धांतों पर पहली बार औपचारिक रूप से 29 अप्रैल 1954 को भारत और चीन के तिब्बत क्षेत्र के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और चीन के प्रथम प्रधान मंत्री चाउ एन-लाई के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।

“पंचशील” शब्द पंच + शील से बना है, जिसका अर्थ है पांच सिद्धांत या विचार।

पंचशील शब्द ऐतिहासिक बौद्ध शिलालेखों से लिया गया है, जो पांच निषेध हैं, जो बौद्ध भिक्षुओं के व्यवहार को निर्धारित करते हैं। प्रत्येक बौद्ध व्यक्ति को इन कार्यों को करने से प्रतिबंधित किया जाता है।

See also  Margot Robbie Is Making a Sims Movie After Producing Record-Breaking Barbie (Reports)

अप्रैल 1954 में भारत ने तिब्बत को चीन का भाग मानकर ‘पंचशील’ के सिद्धांत पर चीन के साथ समझौता किया। पंचशील समझौते के मुख्य बिंदु थे;

1.शांतिपूर्ण सह – अस्तित्व

2.एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए परस्पर सम्मान

3.पारस्परिक अहस्तक्षेप

4.परस्पर अनाक्रामकता

5.समानता और पारस्परिक लाभ

पंचशील समझौते ने भारत और चीन के बीच तनाव को काफी हद तक दूर कर दिया था। इन संधियों के बाद भारत और चीन के बीच व्यापार और विश्वास बहाली को काफी मजबूती मिली थी। इस बीच हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे भी लगाए गए।

1959 के तिब्बती विद्रोह की शुरुआत में दलाई लामा और उनके अनुयायी भारत में अपने जीवन की रक्षा के लिए CIA की मदद से तिब्बत से भाग गए। भारत सरकार ने उन्हें शरण दी, बस यहीं से भारत और चीन के बीच पंचशील समझौता टूट गया।

समझौते में यह प्रावधान है कि “एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें।”

इसके बाद रिश्ते बिगड़ गए और चीनी जनता के बढ़ते विद्रोह के बीच चीनी सरकार ने देशभक्ति का हवाला देते हुए अपनी जनता को शांत करने के लिए भारत के खिलाफ एकतरफा युद्ध की घोषणा कर दी थी।

इस युद्ध के लिए न तो भारत की सेना तैयार थी और न ही यहां की सरकार। इसके परिणामस्वरूप चीन ने भारतीय भूमि के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया।

इस प्रकार पंचशील समझौता भारत और चीन के बीच आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को दुरुस्त करने के लिए उठाया गया एक सोचा-समझा कदम था, लेकिन चीन ने इसका गलत फायदा उठाया और कई बार भारत की पीठ में छुरा घोंपा।

See also  Jamie-Lynn Sigler Says Son Beau, 11, Is 'Coming Out on the Other Side' Following Autoimmune Diagnosis (Exclusive)

पढ़ेंः भारत और चीन के बीच स्थित क्या है Mcmahon Line, जानें

Categories: Trends
Source: HIS Education

Rate this post

Leave a Comment