हाल ही में संजय लीला भंसाली की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी चर्चाओं में आ गई है। वजह है फिल्म द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतना। दरअसल, फिल्म की अभिनेत्री आलिया भट्ट को बेस्ट एक्ट्रेस के लिए चुना गया है। हालांकि, क्या आपको पता है कि गंगूबाई काठियावाड़ी कौन-थी और उनका करियर व परिवार क्या था। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
गंगूबाई काठियावाड़ी का असली नाम
गंगूबाई काठियावाड़ी का असली नाम गंगा हरजीवनदास था और वह माफिया क्वीन गंगूबाई काठियावाड़ी के नाम से प्रसिद्ध थीं। उनका जन्म और पालन-पोषण गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र के एक प्रसिद्ध परिवार में हुआ था।
उन्होंने 50 और 60 के दशक में मुंबई के प्रसिद्ध और प्रभावशाली वेश्यालय मालिकों में से एक के रूप में नाम कमाया था।
गंगूबाई काठियावाड़ी: मुख्य तथ्य
वास्तविक नाम | गंगा हरजीवनदास |
जन्म | 1939 (सूत्रों के अनुसार) |
जन्म स्थान | काठियावाड़, ब्रिटिश भारत (वर्तमान गुजरात, भारत) |
पति का नाम | रमणीक लाल |
अन्य नाम | गंगूबाई कोठेवाली गंगूबाई काठियावाड़ी कमाठीपुरा की मैडम |
किस लिए प्रसिद्ध | सेक्स वर्कर्स और अनाथ बच्चों की बेहतरी के लिए उनका आंदोलन। उनकी बायोपिक “गंगूबाई काठियावाड़ी”। |
गंगूबाई काठियावाड़ी: विवाह और प्रारंभिक जीवन
गंगूबाई जब छोटी थीं, तो उनका सपना बॉलीवुड एक्टर बनने का था और वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई आना चाहती थीं। जब वह 16 साल की थीं, तो उन्हें रमणीक लाल से प्यार हो गया।
उस वक्त वह कॉलेज में थीं। रमणीक लाल उनके पिता के अकाउंटेंट थे। गंगूबाई काठियावाड़ से रमणीक लाल के साथ भाग गईं और घर बसाने और नई जिंदगी शुरू करने के लिए मुंबई आ गईं।
उनके बारे में जानकारी हुसैन जैदी की “माफिया क्वींस ऑफ मुंबई” (2011) में भी दी गई है। यह एक भारतीय गैर-काल्पनिक आपराधिक उपन्यास है, जिसमें मुंबई को प्रभावित करने वाली 13 महिलाओं के जीवन के बारे में जानकारी है।
इसमें गंगूबाई के बारे में भी जानकारी है। इसके मुताबिक, गंगूबाई एक उच्च शिक्षित परिवार से हैं और उनका सपना बॉलीवुड एक्टर बनकर फिल्में करना था। वह 16 साल की उम्र में रमणीक लाल के साथ मुंबई भाग गईं थी और शादी कर ली थी।
कुछ ही दिनों में उनके पति ने उन्हें धोखा देकर 500 रुपये में वेश्यालय में बेच दिया। वह एक वेश्या के रूप में काम करने लगी और उनकी जिंदगी बदल गई। यहां से गंगूबाई का नया सफर शुरू हुआ।
गंगूबाई काठियावाड़ी: मुंबई की “माफिया क्वींस” में से एक के रूप में उभरीं
हुसैन जैदी की पुस्तक “माफिया क्वींस ऑफ मुंबई” के अनुसार, गंगूबाई मुंबई के रेड-लाइट क्षेत्रों में “कमाठीपुरा” के प्रमुख नामों में से एक के रूप में प्रसिद्ध हो गईं। अंडरवर्ल्ड के कई माफिया लोगों से उनके संपर्क थे।
करीम लाला 1960 के दशक में शहर के शक्तिशाली माफिया चेहरों में से एक था और कमाठीपुरा का रेड लाइट एरिया भी उसके शासन में था। किताब के मुताबिक, गंगूबाई के साथ करीम लाल के गिरोह के एक सदस्य ने उनके साथ दुष्कर्म किया।
ऐसे में वह न्याय मांगने के लिए लाला के पास गई। बाद में करीम लाल के साथ गंगूबाई के रिश्ते में नया मोड़ आया और गंगूबाई ने उन्हें अपना भाई बना लिया। उन्होंने उनकी कलाई पर राखी बांधी। करीम लाला ने कमाठीपुरा का शासन अपनी बहन गंगूबाई को दे दिया। परिणामस्वरूप, गंगूबाई को मुंबई की “माफिया क्वींस” में से एक के रूप में जाना जाने लगा।
उसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कभी भी युवा लड़कियों और महिलाओं का शोषण नहीं किया और न ही उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया।
उन्हें अपने जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन वह स्पष्ट थीं और सभी की भलाई के लिए काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित थीं। कहा जाता है कि कमाठीपुरा में रहने वाली सभी महिलाएं और बच्चे उनके अपने बच्चों की तरह थे और वह उनकी देखभाल एक मां की तरह करती थीं।
उन्होंने कमाठीपुरा से वेश्यालय को हटाने के लिए एक आंदोलन भी लड़ा। यही कारण है कि आज कमाठीपुरा के लोग उन्हें और उनके लिए किए गए कार्यों को याद करते हैं। उनकी याद में उस क्षेत्र में एक बड़ी प्रतिमा स्थापित की गई है और गंगूबाई की तस्वीरें आज भी वेश्यालयों की दीवारों की शोभा बढ़ाती हैं।
पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू से किया था संपर्क
गंगूबाई ने एक बार देश में सेक्स वर्कर्स की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से संपर्क किया था। साथ ही पीएम जवाहरलाल नेहरू ने रेड लाइट एरिया की सुरक्षा के उनके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। वह चौड़े सुनहरे बॉर्डर वाली साड़ी पहनने की शैली और माथे पर बड़ी लाल बिंदी लगाने के लिए प्रसिद्ध थीं।
‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ फिल्म
आलिया भट्ट की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ फिल्म 25 फरवरी 2022 को रिलीज हुई थी। यह फिल्म गंगूबाई हरजीवनदास की सच्ची कहानी पर आधारित है। उनके जीवन को पुस्तक ‘माफिया क्वींस ऑफ मुंबई’ में दर्ज किया गया है।
फिल्म का निर्माण संजय लीला भंसाली और जयंतीलाल गडा ने किया है। इसमें आलिया भट्ट ने मुख्य किरदार निभाया है, जबकि शांतनु माहेश्वरी, विजय राज, इंदिरा तिवारी और सीमा पाहवा भी महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। अजय देवगन एक विस्तारित कैमियो भूमिका निभाते हैं।
पढ़ेंः भारत की पहली महिला उद्यमी कौन हैं, जानें
Categories: Trends
Source: HIS Education