भारत के किस गांव को कहा जाता है ‘Green Village’, जानें

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। इसके साथ ही भारत अपने विभिन्न गांवों के लिए प्रसिद्ध है। भारत एक कृषि प्रधान है, जहां हर गावों में आपको प्रमुख रूप से खेती मिल जाएगी। इस खेती से जहां लोगों को पेट भरता है, वहीं दूसरी तरफ देश के आर्थिक विकास के पहिये को भी रफ्तार मिलती है।

आपने भारत के अलग-अलग गांवों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आपको पता है कि भारत का एक गांव ऐसा भी है, जिसे ‘Green Village’ भी कहा जाता है। भारत का यह गांव अपने हरे-भरे मैदानों व इनकी खूबसूरती के लिए पूरे  भारत में प्रसिद्ध है।

यही वजह है कि लोग इस गांव में घूमने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से यहां पहुंचते हैं। इस लेख के माध्यम से हम भारत के इस गांव के बारे में जानेंगे। 

किस गांव को कहा जाता है ‘Green Village’

भारत में वैसे तो अलग-अलग गांव की अपनी खासियत है। हालांकि, इन सभी गांवों के बीच एक गांव ऐसा भी है, जो अपनी सबसे अलग पहचान रखता है। आपको बता दें कि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में शामिल नागालैंड में भारत-म्यांमार बॉर्डर पर खोनोमा गांव को हरियाली से भरा गांव भी कहा जाता है।

 

क्यों कहा जाता है ‘Green Village’

अब सवाल यह है कि आखिर इस गांव को ही ‘Green Village’ क्यों कहा जाता है, जबकि भारत में कई हरे-भरे गांव हैं। आपको बता दें कि पहले यह गांव शिकार के लिए जाना जाता था, जहां जंगली जानवरों का शिकार हुआ करता था।

See also  Only 4 people can find 5 differences in the picture of a lady drinking coffee in 6 seconds

हालांकि, बाद में सरकार द्वारा यहां पर 1998 में Khonoma Nature Conservation and Tragopan Sanctuary को बनाया गया, जिसके बाद यहां पर शिकार पर रोक लगी और हरियाली को बढ़ावा मिला। इससे यहां रहने वाले लोगों का जीवनस्तर भी बदला। वर्तमान में यहां पर करीब 500 घर हैं, जिनमें करीब 2 हजार लोगों की आबादी रहती है। 

 

प्रसिद्ध है खोनोमा वार

इस गांव की खोनोमा वार भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है। दरअसल, यहां रहने वाले लोगों को पसंद नहीं था कि अंग्रेजी अफसर उनके लोगों को मजदूर बनाकर काम करें। ऐसे में यहां के एक नेता ने कुछ ब्रिटिश सैनिकों को गांव में लाए और उन पर कर लगाया।

इसके बाद सेना और स्थानीय लोगों के बीच लड़ाई हुई, जिसमें स्थानीय नेता और कुछ ब्रिटिश लोग भी मारे गए। इसके बाद अंग्रेजों ने इस गांव को सीज कर दिया था। हालांकि, बाद में यहां पर एक शांति समझौता भी किया गया। 

 

पढ़ेंः भारत के किस राज्य को कहा जाता है ‘चावल का कटोरा’, जानें

Categories: Trends
Source: HIS Education

Rate this post

Leave a Comment