भारत के किस शहर को कहा जाता है चंदन का शहर, जानें

भारत विविधताओं का देश है, जहां की संस्कृति और समृद्ध इतिहास किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। यही वजह है कि हर साल लाखों सैलानी भारत की तरफ खींचे चले आते हैं।

इसमें भारत के शहरों की खास भूमिका है, जिसमें शहरों का खान-पान से लेकर वहां की संस्कृति, पर्यटन स्थल और अनूठी परंपराएं हैं, जो देसी और विदेसी सैलानियों को अपनी ओर खींचती हैं।

भारत के विभिन्न शहरों के बारे में जानने की इस कड़ी में इस बार हम इस लेख के माध्यम से भारत के ऐसे शहर के बारे में जानेंगे, जिसे चंदन का शहर कहा जाता है। इस शहर में घूमने पर आप चंदन की खूशबू का अहसास कर सकते हैं।

ऐसे में कौन-सा है यह शहर और भारत के किस राज्य में है स्थित, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

 

किस शहर को कहा जाता है चंदन का शहर 

भारत का एक शहर ऐसा है, जिसे पूरे भारत में चंदन के उत्पादन के लिए जाना जाता है। इस शहर में चंदन की खूशबू का अहसास होता है। आपको बता दें कि भारत के कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर को चंदन का शहर कहा जाता है। 

 

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क्यों कहा जाता है चंदन का शहर

अब सवाल यह है कि आखिर इस शहर को चंदन का शहर क्यों कहा जाता है। आपको बता दें कि यह भारत का एकमात्र ऐसा शहर है, जहां पर चंदन का उत्पादन सबसे अधिक मात्रा में होता है। यही वजह है कि इस शहर को चंदन का शहर कहा जाता है। 

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चंदन की अगरबत्तियों का गढ़ है मैसूर

देशभर के घरों में जलने वाली चंदन की अगरबत्तियों का गढ़ मैसूर ही है। दरअसल, यहां चंदन के पेड़ के माध्यम से चंदन की अगरबत्तियां बनाई जाती हैं। इन अगरबत्तियों का उत्पादन करने के बाद देशभर के अलग-अलग शहरों में भेज दिया जाता है।

वहीं, कुछ बड़े कारखाने यहां से चंदन की लकड़ियों को खरीदकर अपने स्तर पर अगरबत्ती और धूपबत्ती का उत्पादन करते हैं। 

 

मैसूर शहर के महल भी हैं खास

मैसूर अपने यहां के महलों के लिए भी जाना जाता है। यहां पुराने समय में कई राजा-महाराजाओं ने अपने महलों का निर्माण करवाया था।

इस कड़ी में यहां साल 2011 में बना राजा का महल भी है, जिसे उस स्थान पर बनाया गया है, जहां पर पहली कभी लकड़ी की इमारत हुआ करती थी। इसके अलावा यहां मैसूर की साड़ी भी महिलाओं में खास लोकप्रिय है। 

 

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Categories: Trends
Source: HIS Education

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