mughal emperor
Babur (1526-1530)
– मुगल प्रभाष्ट का अध्याँ
– In India, gun powder arrived.
-Ibrahim Lodhi was defeated in the first battle of Panipat (1527).
-खानवा के युद्ध (1527) में राणा संगा (संग्राम सिन ह) को हाराय
-चंदेरी के युद्ध (1528) में चंदेरी के मेदिनी राय क ो हाराय।
-تورکی من توزوک-ا-بابری لیکہ.
हमायुं (1526-1556)
-दिल्ली के दीनपनाह को दूद्ध राज्दिन बेनाय.
-शेर्शाह सूरी के साथ डो युद्ध लडे – चॉसा का युद्ध (1539 AD); in 1540.
-1556 AD. में अपने लिबाया बावन की शैजियोन से गुर्जी क एक में म्र्ट्य हो गायी.
-उनकी सुतेली भहन गुलबदन बेगम ने हुमायुं-नामा ल िखा।
Akbar (1566-1565)
– कुलीन वर्ग अवर सेना को गुलिया करें के लिये मनसाबद आरी system (रायंक धारक) की बुचरी की गायी.
– بولند دروزا KA نیرمان کاریاہ.
-Today in 1585, when you joined this project ले अंग्रेज थे।
-جزیاه قمیر (1564); सुलह-ई-कुल (सभी को शान्ती) में विष्व्स था.
-फतेहपुर सीकरी में इबादत खाना (प्रार्थना कष्ट) का निर्मान कराया।
-1579 में ” सुर्चक्रिक्ता की देखें ” जाराई की गायी.
-धार्मिक आदेश दीन-ई-इलाही (1582)
-उनके दर्बार के नु रत्न (नवरतन):
-Birbal (Mahesh Das)
– तानसेन (तन्ना मिश्रा)
– فایزی
-Maharaja Man Singh
-फकीर अजियाँ दीन
– मिर्जा अजीज कोका
– todermal
-ابدور راحيم خان-ا-خانا
-अबुल फजल
नोट: आस बाट पर अग्यूपता है की मुल्ला-डो-प्याज ा अक्बर के नु रत्नोन में से एक था या नहीं. कुच सुट्रों का केहना है की य ह अक्बार का मान्दार था
Jahangir (1605-1627)
-सिखों के पान्च्वें गुरु, गुरु अर्जुन देव को फान्स ी दी गायी
-شاهی نجای کیلی والو کی لیہ اگرا کیلی من جن جیر-ا-ادل کی استانگ کی.
-काइप्तन हॉकिन्स अवर सर थमास रो आष्य दर्बार में आय े.
-Abdul Hasan, Ustad Mansoor and Bishandas are famous painters.
शाहजहां (1628-1658)
– دو فرنسی, برنیر اور تايورنیر اور ایتالینی دربار کا daura کیا
– Moti Masjid aur Taj Mahal in Agra, Jama Masjid aur Lal Kila built in Delhi.
-अहमदनागर पर खवार कर लिया, विजापुर अवर गोलक उंदा ने उस्का अधिपत्य कर लिया.
अवर्गजेब (1658-1707)
-Islamic dharmashastra aur nyayashastra ke mahan scholar. He appointed a board of scholars known as “Fatawat-e-Aalmgiri” in July 1672 for the guidance of the judges. में पुरा हुा था.
-उनके गुज्ञानकाल के दुराई विष्टिक हैस्थोरिक पु स्तकें- خفي خان دورة MUتخب-ول-لوباب; मिर्जा मुहम्मद काजिम दारा आलमगीर नमाह; मुहम्मद साधी डार्य मसीर-ई-आलमगीरी; आष्वर दास वार्डा फतुहात-ई-आलमगीरी।
-1675 AD में नुवेन सिख गुरु, गुरु तेग बहाडॉर को फानसी दी गायी.
-दरवेश या जिंदा फकीर कहा जाता है
-सती पर्था पर रोक लागी.
-अवर्गाबाद में अपनी रानी रबाँद-दुरानी की कब्र प र बीवी का मकबरा बान्वाया; Moti Masjid in Delhi لاحور من جامي YA بادشاهي مسجد.
Bahadur Shah I (1707-1712)
– ایسی شاه علم پرتحمه كي نام که جانا های اور خفی خان دوری یسی شاهی-ا-بیھبر کا کا کہ کہ ہ کہ ہ کہ ہ کہ ہ ہ
– In 1707, after killing his brothers, he sat on the throne. वह वाह मुगल था, जेने रूप से साभी अधि कारोन का अनुद लिया.
-मराठों को दककन के सरदेश मुकी को वसुल करेन का अ धिकार दिया गया गाया, लेक्सन चूथ नहीं.
Jahandar Shah (1712-1713)
– मालवा के जयसिंह को “मिर्जा राजा” तथा मार्वाड के आजीत सिंह को “महाराज” की दिपी दी दी.
-इजारा system (राजस्व केहती/आनुबंध केहती अउर जजिय ा को अक्षण) को देक्ता किया गैया।
-पहला मुगल राष्टार, जीसे सैय्यद बंधुों- अब्डुला खान अव्डला खान अर हूसाई अली (हिन्दूस्तानी पार्ती के नेता थे) ने काइद में मार दाला.
Farrukhsiyar (1713-1719)
-‘साहिद-ई-मजलूम’ के नाम से जाने जाटे थे अवर अजीम-उस -शाह के पुत्र थे.
-दक्कन के गवर्नर का कार्यभार चिन कुविल्च खान क उ अपस्पा गाया, जेना जे नाम से जा ना जाटा था, जीने में हैबरदाड के स्वाटं त्र राज्या की राज्या.
– पेश्वा बालाजी विश्वनाथ माराथा भूमी पर चुथ आर सर देश मुक्षी की अर्बार में अधिन दर्बार में एक्सन दर्बार में एके लेखे लेखे लेखे लेखें
Muhammad Shah (1719-1748)
-उनका नाम रोशन अख्तार था, जेने रांगीला भी कहा ज आता है।
– In the Mughal history, the first time led by Bajirao, Marathi raided Delhi.
Nadir Shah of Persia attacked with the help of Saad Khan, who defeated the Mughal army in the battle of Karnal.
Ahmad Shah (1748-1754)
-احمد شاه عبدالی, نادیر شاه کا पूर्व सेनापाति, ज जिस्ने गुम्सनकाल के दाउराना भारत पर पुन्च बार अध्वार क आया.
-उसके वजीर आमाद-उल मलिक ने उसे गडडी पर बिथाया एउ र आलमगीर दिवी को श्रेष्ट बेनाया.
आलमगीर (1754-1759)
-‘अजीजुद्दिन’ कहा जाता है.
-इनके गुज्ञानकाल में प्लासी का युद्ध हू।
-उसके वजीर आमाद-उल मलिक ने उसे गडडी पर बिथाया एउ र शाह आलम दिवी को श्रेष्ट बेनाया.
Shah Alam II (1759-1806)
-भोप्रिय रूप से ‘अली गुहर’ के नाम से जाना जाता ह July 1764. में बक्सर की अक्ष्ट में भाष्ट हुए था.
-उनके गुम्सनकाल के दाउराना पानीपत की टिस्री अक्षा ह ुई।
-1772 तक आशानी बिहार, बागाल अउर उदीसा के अपने स 1772. 1772. 1772. godine. इंधिया की मादाद से अनेम अपने साभी दिवानी Adhikar वाफर मिल गीये.
-पहला मुगल श्रेष्ट, जो अस्ट इंडिया कैंबाय का पेशनुभ उगी बाना।
Akbar II (1806 – 1837)
-First Mughal ruler, who was under British protection.
-उनके जुन्चे में मुगल विक्ष्टी केवल लाल किल े तक ही सिमत कर रह गाया.
Bahadur Shah II (1837-1857)
-वह अक्बर दीविया अवर राच्टव प्रभाष्ट लाल बाई क े पुत्र थे अवर मुगल विच्चार के विशिया राज्ञार भी थे ।
-इनके गुज्ञानकाल में 1857 का मुब्रुब हुा; அக்கு ண்டி ாகர ருக்கு ले जाया गाया, 1862
– वह भाहत अच्चे उर्दु शायर थे अवर अनुका स्प्लाय जफर थ ा।
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Source: HIS Education